जादू का खेल उतना ही दर्शक का है, जितना जादूगर का।
टोपी से कबूतर निकला या नहीं,
ये राज़ सिर्फ़ टोपी, जादूगर और दर्शक जानते हैं।
पर अगर दर्शक ही मना कर दे?
और टोपी तो मना कर ही नहीं सकती—
तो खेल ख़त्म!
जादू भ्रम है,
पर जो मानते हैं,
वे मानते रहेंगे।
आप भी विश्वास बनाए रखिए—
क्या पता, एक दिन कोई टोपी आपके हिस्से आ जाए,
और आप ही जादूगर बन जाएँ।
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