सितारे की मौत

सितारे की मौत 

एक सितारा सिसक-सिसक कर मर गया, 
तो बदकिस्मती उस दुनिया की है, 
जो उसकी चमक से महरूम रह गयी; 

कसक तो इस बात और है की, 
मरने से पहले का आकाश, 
और अब वह शून्य अवकाश,
किसी ने भी इस बात की गवाही नहीं दी; 

अब ये दुनिया कैसे जानेगी, 
की अगर वो चमकता तो खिल उठता ये अधूरा आसमां, 
पूरा हो सकता था सितारों का बागबाँ; 

इसे उस सितारे की किस्मत से ज्यादा कहनी होगी, 
इस दुनिया की बदकिस्मती, 
जो आज का अधूरापन है, 
वो अब कभी पूरा नहीं हो पाएगा, 
ये अँधेरा अब कभी रोशन नहीं हो पाएगा, 
अब कभी रोशन नहीं हो पाएगा। 


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